थोड़ी अजीब हैं पर इसमे सच्चाई भी है।
हम एक साथ दो जिन्दगी जी रहे होते है। एक तो हमारे वास्तविक जीवन से जुड़ी
जिसमें सब कुछ वैसा दिखाई जैसा आस पास घटित हो रहा होता है। और अब बात
करते है दूसरी जिन्दगी की जो हमारे मन के भीतर चल रही होती है उसे कोई नही
देख सकता हम सहजते रहते है सवारते रहते है और समेटते रहते है उन तमाम एहसासों
और उम्मीदो को जो वक्त के साथ फिसल रही है ना जाने कितने ख्वाब और ख्वाहिशो को
हम पंख देते है एक उड़ान के लिये भले ही हकीकत उससे परे हो। आपकी इस दूसरी जिन्दगी
पर कोई लगाम नही लगा सकता। स्वतन्त्र है आप उस पक्षी की तरह जो खुले आसमान
मे बेफिक्री से उडता है........
बोझ इतना भी ना डालो रिश्तों पर कि
लोग निभाने की बजाए छोड़ के चल दे......
@Aparna Mishra
हम एक साथ दो जिन्दगी जी रहे होते है। एक तो हमारे वास्तविक जीवन से जुड़ी
जिसमें सब कुछ वैसा दिखाई जैसा आस पास घटित हो रहा होता है। और अब बात
करते है दूसरी जिन्दगी की जो हमारे मन के भीतर चल रही होती है उसे कोई नही
देख सकता हम सहजते रहते है सवारते रहते है और समेटते रहते है उन तमाम एहसासों
और उम्मीदो को जो वक्त के साथ फिसल रही है ना जाने कितने ख्वाब और ख्वाहिशो को
हम पंख देते है एक उड़ान के लिये भले ही हकीकत उससे परे हो। आपकी इस दूसरी जिन्दगी
पर कोई लगाम नही लगा सकता। स्वतन्त्र है आप उस पक्षी की तरह जो खुले आसमान
मे बेफिक्री से उडता है........
बोझ इतना भी ना डालो रिश्तों पर कि
लोग निभाने की बजाए छोड़ के चल दे......
@Aparna Mishra
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